धमतरी : ग्राम गिरौद स्थित रेत खदान में लंबे समय से चल रहे अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। जब नेताओं और अधिकारियों की नींद नहीं खुली, तो ग्रामीण महिलाएं रात के अंधेरे में खुद खदान पहुंच गईं और हाईवा वाहनों को रोककर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने शासन-प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि अवैध खनन बंद नहीं हुआ, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

राजनीतिक संरक्षण में रेत माफिया बेखौफ
गिरौद, दर्री, दोनर, अरौद, लीलर, अमेठी, कोलियारी और तेंदूकोन्हा समेत जिले के कई इलाकों में खुलेआम रेत की चोरी हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। राजनीतिक दबाव और कमीशनखोरी के कारण जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।

महिलाओं की अगुवाई में विरोध
2 मई की रात को गिरौद गांव की बड़ी संख्या में महिलाएं खदान पहुंचीं और जेसीबी व हाईवा को रोककर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खदान में 24 घंटे चैन माउंटेन और जेसीबी से अवैध उत्खनन हो रहा है। पुलिस और पंचायत प्रतिनिधि इस पर आंख मूंदे बैठे हैं। प्रदर्शन के बावजूद मौके पर कोई अधिकारी कार्रवाई के लिए नहीं पहुंचा।
‘महतारी वंदन नहीं चाहिए, पहले बंद हो रेत खदान’
ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक रेत खदान बंद नहीं होगी, वे महतारी वंदन योजना की राशि लेने से इनकार करते हैं। उनका आरोप है कि रेत चोरी बिना पीटपास के की जा रही है और शासन-प्रशासन के कुछ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि इसमें शामिल हैं।
तीन मई को हुई गांव में बैठक