
धमतरी,ऊर्जा संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना जिले के नागरिकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है,योजना ने न केवल लोगों को महंगे बिजली बिल से मुक्ति दिलाई है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया,दानिटोला वार्ड की निवासी हेमलता साहू इसका जीवंत उदाहरण हैं,हेमलता ने योजना का लाभ उठाकर अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पैनल संयंत्र स्थापित किया है, लगभग 2 लाख रुपये लागत इस संयंत्र के लिए केंद्र सरकार से 78 हजार रुपये और राज्य सरकार से 30 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई,आर्थिक सहयोग के कारण प्रारंभिक निवेश में काफी राहत मिली।
हेमलता ने बताया सोलर पैनल लगाने से पहले उनका मासिक बिजली बिल 1500 से 2000 रुपये तक आता था,अब बिल शून्य हो गया है,संयंत्र से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली नेट मीटरिंग के माध्यम से ग्रिड में भी भेजी जा रही है, जिससे अतिरिक्त आय की संभावना बनी हुई है,योजना के तहत बैंक से कम ब्याज दर (7 प्रतिशत) पर ऋण भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जिससे आम उपभोक्ता भी बिना वित्तीय बोझ के सौर संयंत्र लगा सकता है।
पंजीयन प्रक्रिया भी पूरी तरह ऑनलाइन है।
1. उपभोक्ता को pmsuryaghar.gov.in या PMSuryaGhar मोबाइल एप पर रजिस्ट्रेशन करना होता है।
2. वेब पोर्टल से पंजीकृत वेंडर का चयन किया जाता है।
3. संयंत्र की स्थापना और सत्यापन के बाद सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में भेज दी जाती है।
इस पहल ने न केवल घरों को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन कम करने और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाई है,सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण में कमी आती है, हेमलता ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा सौर ऊर्जा से न केवल हमारी जेब पर से बिजली खर्च का बोझ खत्म हुआ है, बल्कि हम स्वच्छ और हरित भविष्य के निर्माण में भी योगदान दे रहे हैं,जिले में हेमलता जैसी कई महिलाएं योजना का लाभ उठाकर ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं, प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना यह साबित कर रही है कि सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन और जनभागीदारी से बदलाव संभव है।

