समितियों को और सुदृढ़ बनाकर जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करें;कलेक्टर

धमतरी ,कलेक्टर श्री मिश्रा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी (पैक्स) अंतर्गत जिला सहकारी विकास समिति के कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) किसान ई-स्टोर प्रणाली का प्रशिक्षण प्रदान किया गया,उद्देश्य हैं किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक एवं कृषि उपकरण जैसी आवश्यक सामग्री गुणवत्तापूर्ण और उचित दर पर उपलब्ध कराना है,स्टेट प्रोजेक्टर मैनेजर सुरेंद्र दास ने प्रशिक्षण में पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि किस प्रकार सीएससी किसान ई स्टोर के माध्यम से समितियाँ किसानों को कृषि आदानों की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकती हैं।

प्रदेश में इस प्रशिक्षण की शुरुआत धमतरी से की गई है, जो कि एक सराहनीय पहल हैं,प्रशिक्षण में मैनेजर दास ने https://www.csc.gov.in पोर्टल के माध्यम से सीएससी किसान ई-स्टोर के संचालन की तकनीकी जानकारी दी कि समितियाँ किस प्रकार पोर्टल पर लॉगिन कर कृषि संबंधी उत्पादों का पंजीकरण एवं क्रय-विक्रय कर सकती हैं,सीएससी जिला प्रबंधक विनय गिरी उपस्थित थे,कलेक्टर ने कहा कि पैक्स समितियों को बहुउद्देशीय संस्था के रूप में विकसित करना समय की आवश्यकता है व सुझाव दिया कि समितियाँ केवल ऋण वितरण तक सीमित न रहकर कृषि उपकरण, विपणन, बीज एवं उर्वरक वितरण जैसी सेवाएं भी प्रदान करेंगेपैक्स के माध्यम से जिले के किसानों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं, जैसे कृषि उपकरणों की आपूर्ति, बीज वितरण, और विपणन सुविधा आदि

सभी ब्लॉकों में एक-एक सीएससी को रोल मॉडल के रूप में विकसित करने पर बल देते हुए दो माह बाद भौतिक सत्यापन सहित इसकी समीक्षा करने की बात कही,दास ने जानकारी दी कि जिले में 74 सेवा सहकारी समितियाँ पंजीकृत हैं, जिनमें सभी की आईडी बन चुकी है और शत-प्रतिशत संचालन प्रारंभ हो चुका है,अब तक जिले के 1960 किसान ई-स्टोर में पंजीकृत हो चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि किसान इस प्रणाली से जुड़कर लाभान्वित हो रहे हैं।
यह पहल जिले में कृषि क्षेत्र को तकनीकी और व्यवस्थित दिशा में आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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