धमतरी,जिले के ग्राम पतेरापारा निवासी युवा तुलसीराम साहू ने नशा मुक्ति के संदेश को लेकर जो कार्य किया है, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है, अभियान की शुरुआत तुलसीराम ने 6 अप्रैल 2025 रामनवमी के पावन अवसर पर जिले की आराध्य देवी माँ विंध्यवासिनी मंदिर से की,उद्देश्य स्पष्ट था “नशे के खिलाफ जन-जागृति”,छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे 6 प्रमुख राज्यों की यात्रा करते हुए प्रतिदिन औसतन 150 किलोमीटर की दूरी तय की, 32 दिनों में 5200 किलोमीटर का सफर तय कर वे धमतरी लौटे,यात्रा पूरी कर यह सिद्ध किया है कि दृढ़ संकल्प, सामाजिक चेतना और जनहित के लिए किया गया कार्य न केवल लोगों की सोच बदल सकता है, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा भी तय कर सकता है।
नशा विरोध की प्रेरणा: तुलसीराम ने बताया कि इस अभियान की प्रेरणा उन्हें व्यक्तिगत जीवन के कड़वे अनुभवों से मिली, उनके छोटे भाई की मानसिक स्थिति नशे के कारण बिगड़ गई थी,वहीं, बचपन में कक्षा 5वीं में पढ़ते समय कई छोटे बच्चों को नशे की चपेट में आते देखा था,इन दोनों घटनाओं ने उन्हें इस सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध कर दिया,विभिन्न राज्यों में आमजन का भरपूर सहयोग और समर्थन मिला,गाँवों, स्कूलों, सार्वजनिक स्थलों पर लोगों से संवाद कर नशे के दुष्प्रभावों पर चर्चा की और जागरूकता का संदेश फैलाया,यह कोई पहला प्रयास नहीं था ,वर्ष 2020 में भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए लाल किला, दिल्ली तक साइकिल यात्रा कर लोगों को जागरूक किया था।

कलेक्टर ने की भूरी-भूरी प्रशंसा
तुलसीराम साहू ने जिला कलेक्टर श्री मिश्रा से मुलाकात की और अपनी यात्रा के उद्देश्य, अनुभव एवं जनप्रतिक्रिया से अवगत कराया,कलेक्टर ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा, “तुलसीराम जैसे युवा समाज का दर्पण होते हैं, इनकी सोच और प्रयास न केवल सराहनीय हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं,कलेक्टर श्री मिश्रा ने युवाओं से अपील की कि वे नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रहें और दूसरों को भी जागरूक करे,तुलसीराम की यह यात्रा एक उदाहरण है कि यदि उद्देश्य नेक हो और मन में जज़्बा हो, तो संसाधनों की कमी भी रास्ता नहीं रोक सकती, जिला प्रशासन उनके इस अभियान को आगे बढ़ाने में हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा,यह साइकिल यात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की वह धारा है, जो अब रुकने वाली नहीं है। आज के युवा यदि समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझें, तो हर बुराई पर विजय संभव है।
