नगरी क्षेत्र का भौगोलिक व जलवायु परिस्थितियां नारियल वृक्ष के लिए उपयुक्त

धमतरी, राज्य की जीवनदायिनी महानदी अब केवल एक नदी नहीं रही, बल्कि जनभागीदारी, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण प्रतीक बनकर उभर रही है। “महानदी जागरूकता अभियान” (MAA–Mahanadi Awakening Abhiyan) फरसियां से गणेशघाट तक 14 किलोमीटर लंबी पट्टी में लगभग 4000 नारियल के पौधों का वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया गया, अभियान का शुभारंभ कलेक्टर द्वारा नारियल पौधा रोपण कर किया गया, इस अवसर पर वन मंडलाधिकारी जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी,क्षेत्र के सरपंचगण, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे,सामूहिक रूप से नारियल के पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सहभागिता दर्ज कराई।

कलेक्टर श्री मिश्रा ने बताया कि नगरी क्षेत्र का भौगोलिक व जलवायु परिस्थितियां नारियल वृक्ष के लिए उपयुक्त पाई गई हैं, कृषि विज्ञान केंद्र एवं अन्य विशेषज्ञ संस्थानों के माध्यम से परीक्षण कर इसकी पुष्टि की गई है,नारियल की खेती से किसानों को दीर्घकालिक आमदनी का एक नया विकल्प मिलेगा,गांव सेमरा में नारियल की नर्सरी की स्थापना की जा रही है, जिससे भविष्य में गुणवत्तापूर्ण पौधों की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी,वहीं, नगरी से गरियाबंद को जोड़ने वाले मार्ग नाला निर्माण के लिए भी टेंडर जारी हो गया,इससे नगरी और गरियाबंद दूरी कम होगी तथा व्यापार और रोजगार में बढ़ोतरी होगी,मछुआ समिति को मछली जाल वितरित किए,साथ ही नारियल के पौधों का भी वितरण किया।

गणेशघाट क्षेत्र, श्रृंगीऋषि पहाड़ और आश्रम क्षेत्र में पेंटिंग आजीविका संवर्धन हेतु महिला समूहों के माध्यम से बांस उत्पादन, कोशा निर्माण और अन्य लघु उद्यमों के प्रोजेक्ट्स को जल्द ही शुरू करने कि योजना बनाई गई महानदी सफाई का कार्य वृक्षारोपण महाअभियान में हर्बल फाउंडेशन और मेघा फाउंडेशन का भी सहयोग प्राप्त हुआ। नदी किनारे 12 किलोमीटर क्षेत्र की सफाई का कार्य महज 600 घंटों में पूरा किया गया, जो स्थानीय समुदाय की प्रतिबद्धता और मेहनत है,यह पारिस्थितिकी तंत्र सुदृढ़ होगा और स्थानीय समुदायों की आजीविका के नए द्वार खुलेंगे,शासन का उद्देश्य आने वाले समय में इस अभियान को और भी व्यापक स्तर पर विस्तार देना है, जिससे महानदी सदैव स्वच्छ, समृद्ध और संजीवनी बनी रहे।

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